?अगर एक काम के बदले दुजी जिम्मेदारी का काम किया जाता है तब बदले मे ईश्वर स्वयमं या नेक बंदों से काम चलवा लेते है | जैसे फौजी के बच्चे |
?पर अगर आपने अपनी जीम्मेदारी नहीं निभाए वो बेटी हो, बेटा हो, भाई हो, पत्नि हो, बहु हो आदि तो वो जीम्मेदारी जबतक अच्छी तरह पुरी न होती तब तक गृहकार्य मीलता रहेता है | कभी कबार आलस या बिमारी या अन्य कुछ कारणों के चलते थोड़ा रुक जाए तो चलता है | पर काम चलाऊ कुछ भी नहीं चलता | जैसे स्वास्थ्य का खयाल अच्छे से न रखते हो आलसी पन के कारण नाम दे की हल्का फुल्का चलता है या बच्चे की पढ़ाई के लिए सीर्फ पैसे देना पर ख्याल न रखना | जैसे किसान फसलों का ख्याल न रखें तो हम तक अच्छी चीज नहीं पहोचती उसी तरह काम / कर्तव्य / फर्ज ठीक से न निभाए तो वो नहीं चलता | अच्छा चाहिए तो अच्छा देना भी पड़ता है |...ॐD