*हार किसी की नही,आज राष्ट्र हारा है,*
*गीदड़ों के झुंड ने शेर मारा है।*
*बिक गए लोग,बिक गई आत्मा,*
*पोकरण में एक मुस्लिम के आगे सन्त हारा है।।*
*मेरी समझ मे नही आता है किसे गद्दार कहु,*
*यहां तो हिन्दू के हाथ हिन्दू हारा है।*
*एक नारी की हठ के आगे,*
*कैसे पूरा राजस्थान बेचारा है।*
*एक राष्ट्र का लाडला देश बनाने निकला था,*
*अब पता चला कुछ हिन्दुओ को अब भी पप्पू प्यारा है।।*
*देश मुर्दाबाद के नारे सुनकर भी खून नही खोलता,*
*ओर वही गद्दार कहते है देश हमारा है।।*
*आज इस देश का सच्चा सपूत नही,*
*सिर्फ सिर्फ सिर्फ राजस्थान हारा है।।*
*वन्दे मातरम*