*पिता धर्म: पिता स्वर्ग: पिता हि परमं तप: l*
*पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते सर्व देवता: ll*
*पितरौ यस्य तृप्यन्ति सेवया च गुणेन च l*
*तस्य भागीरथीस्नानमहन्यहनि वर्तते ll*
महाभारत शान्ति पर्व 266/21,22
भावार्थ-- *पिता धर्म है, पिता स्वर्ग है और पिता ही सबसे श्रेष्ठ तप है l पिता के प्रसन्न हो जाने पर सम्पूर्ण देवता प्रसन्न हो जाते हैं l जिसकी सेवा और सद्गुणों से पिता माता संतुष्ट रहते हैं उस पुत्र को प्रतिदिन गंगा स्नान का पुण्य मिलता है l*
हर हर महादेव