MAHAASHAKTI - 20 in Hindi Mythological Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | महाशक्ति - 20

Featured Books
Categories
Share

महाशक्ति - 20

महाशक्ति – एपिसोड 20

"भविष्यवाणी का साया"

रात का सन्नाटा था। पहाड़ों की चोटियों पर ठंडी हवा चल रही थी। मंदिर के घंटे दूर कहीं बज रहे थे, और आकाश में पूर्णिमा का चाँद अपनी रोशनी बिखेर रहा था। लेकिन अर्जुन के मन में बेचैनी थी।

वह अनाया के पास बैठा था, जो गहरी नींद में थी। उसकी मासूमियत भरी मुस्कान और शांति अर्जुन को थोड़ी राहत दे रही थी, लेकिन उसके सपनों में वह दृश्य अभी भी गूंज रहा था—शिवजी की भविष्यवाणी, नाग का प्रतीक, और अनाया पर मंडराता अज्ञात खतरा।

अनाया का अजीब बर्ताव

सुबह जब अनाया उठी, तो वह बिल्कुल सामान्य थी। अर्जुन को देख कर मुस्कुराई और बोली,

"अर्जुन, क्या तुमने पूरी रात जाग कर मेरी पहरेदारी की?"

अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा।
"हाँ, क्योंकि मुझे डर था कि कुछ गलत हो सकता है।"

अनाया ने हंसते हुए उसका हाथ पकड़ लिया।
"अर्जुन, तुम बेवजह चिंता कर रहे हो। देखो, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।"

लेकिन तभी अनाया ने अचानक अपनी कनपटी पकड़ी और उसका सिर घूमने लगा। अर्जुन ने उसे सहारा दिया।

"अनाया, क्या हुआ?"

"मुझे नहीं पता, अचानक से बहुत अजीब महसूस हो रहा है... जैसे कोई मुझे पुकार रहा हो।"

शिव मंदिर में एक नया संकेत

अर्जुन और अनाया शिव मंदिर पहुँचे, जहाँ साधु-संत प्रार्थना कर रहे थे। जब उन्होंने मंदिर के अंदर प्रवेश किया, तो वहाँ का माहौल एकदम बदल गया।

मंदिर में जल रही दीपक की लौ अचानक तेज़ हो गई, और शिवलिंग के ऊपर लगा नाग प्रतिमा काँपने लगी।

सभी भक्त आश्चर्यचकित हो गए। एक बूढ़े साधु ने अर्जुन की ओर देखा और कहा—

"शिव की शक्ति तुम्हें संकेत दे रही है, पुत्र। तुम्हें अपनी शक्ति का सही प्रयोग करना सीखना होगा।"

अर्जुन कुछ कह पाता, इससे पहले ही अनाया के शरीर ने अजीब प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। वह अचानक बेहोश होने लगी। अर्जुन ने उसे पकड़ लिया।

"अनाया! अनाया, होश में आओ!"

एक और सपना—एक और चेतावनी

जब अनाया बेहोश हुई, तो उसने भी एक सपना देखा।

वह खुद को एक गहरी घाटी में खड़ी पाई। चारों ओर कुहासा था। दूर-दूर तक कोई नहीं था। तभी अचानक, उसने सामने अर्जुन को देखा—लेकिन यह अर्जुन वैसा नहीं था, जिसे वह जानती थी। उसकी आँखों में आग थी, उसके हाथ में तलवार थी, और उसके चेहरे पर क्रोध की परछाई थी।

"अर्जुन?" अनाया ने डरते हुए कहा।

अर्जुन ने तलवार उठाई और सीधे अनाया की ओर बढ़ा।

"तुम मेरी हो, अनाया। मैं तुम्हें किसी और के लिए नहीं छोड़ सकता!"

अनाया ने घबराकर पीछे देखा। पीछे एक विशाल नाग था, जो धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था।

सपना अचानक खत्म हुआ, और अनाया की आँखें खुल गईं।

सपने की सच्चाई?

जब अनाया को होश आया, तो उसने अर्जुन को परेशान देखा।

"अर्जुन… मैंने एक सपना देखा।"

अर्जुन ने तुरंत पूछा, "क्या सपना?"

अनाया ने झिझकते हुए बताया, "मैंने तुम्हें देखा… लेकिन तुम वैसे नहीं थे जैसे अभी हो। तुम्हारी आँखें जल रही थीं, तुम्हारे हाथ में तलवार थी… और तुम कुछ कह रहे थे—'तुम मेरी हो, अनाया'।"

अर्जुन के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गईं।

"शिवजी ने पहले ही कहा था कि हमें धैर्य और शक्ति की परीक्षा देनी होगी। लेकिन इसका क्या मतलब हो सकता है? क्या सच में कोई शक्ति हमारे खिलाफ काम कर रही है?"

एक और संकेत… और एक नया खतरा

उसी रात, अर्जुन और अनाया पहाड़ी के पास एक झरने के किनारे बैठे थे। अर्जुन लगातार शिवजी के संकेतों को समझने की कोशिश कर रहा था।

तभी, हवा तेज़ हो गई। झरने का पानी उछलने लगा, और अचानक एक अजीब आवाज़ गूंज उठी—

"समय आ गया है, अर्जुन। परीक्षा शुरू होने वाली है।"

अर्जुन और अनाया ने एक-दूसरे की ओर देखा।

क्या यह शिवजी की आवाज़ थी? या यह किसी और शक्ति की चेतावनी थी?

(अगले एपिसोड में – अर्जुन और अनाया का रिश्ता क्या इस परीक्षा में टिक पाएगा? कौन है यह रहस्यमयी शक्ति जो शिवजी के संकेतों के बीच मौजूद है? जानने के लिए पढ़ते रहिए – महाशक्ति!)