ये उपन्यास एक धांसू किरदार की सत्य कहानी पे लिखना उतना ही कठिन हैं जितना बम्बे की हीरो मोपड कपनी से निकलना कठिन होता हैं, यातायात ही इतना की पूछो मत। ये किरदार फिल्मो तक का सफर कैसे तेह करता हैं, कौन से समझोतो की कहानी रचता हुआ ये उपन्यास कया कया और समझोतो की घोषणा करता हैं, यही बस तकलीफो के बाद पल दो पल ख़ुशी के होते हैं जीने को, यही दर्शाता हुआ कब ज़िन्दगी की शाम हो जाती हैं, बस यही जिंदगी हैं बस यही जीना हैं बस, और सपने कैसे संग संग सफर करते हैं... उसी को पता हैं।
बाजार - 1
ये उपन्यास एक धांसू किरदार की सत्य कहानी पे लिखना उतना ही कठिन हैं जितना बम्बे की हीरो मोपड से निकलना कठिन होता हैं, यातायात ही इतना की पूछो मत। ये किरदार फिल्मो तक का सफर कैसे तेह करता हैं, कौन से समझोतो की कहानी रचता हुआ ये उपन्यास कया कया और समझोतो की घोषणा करता हैं, यही बस तकलीफो के बाद पल दो पल ख़ुशी के होते हैं जीने को, यही दर्शाता हुआ कब ज़िन्दगी की शाम हो जाती हैं, बस यही जिंदगी हैं बस यही जीना हैं बस, और सपने कैसे संग संग सफर करते ...Read More
बाजार - 2
उपन्यास ( बाजार ) धारावाक (2) बाजार मे जज्बातो का मलयाकन होता हैं, भावुकता का भी मूल्य लगता हैं, मंडी हैं..... हर चीज विकती हैं, बदले मे ख़ुशी मिलती हैं या गमी... ये तुम्हारी किस्मत हैं। कया नहीं मिलता... सौदा जिस्मो का भी होता हैं, कैसा जिस्म सौदा वैसा ही... हाँ बरखुरदार जिंदगी मे कुछ गम हम खुद ले लेते हैं, मशहूरी के नाम पे..इसी को ज़िन्दगी का काल चक्र कहते हैं। बम्बे का वो इलाका जिसका नाम आबादी.. यहाँ माया और बेटी संग उसके दूर के मामा रहते थे। माया खुश थी। आज पहली दफा वो किसी मर्द ...Read More
बाजार - 3
बाजार -----3 सा एपिसोड लिली ने बताया, " मैंने कितनी कहानियाँ लिखी हैं और कितने एपिसोड भी... " देव हर्षता से बोला, " बहुत ही सुंदर लिखा हैं... हाँ लिली तुम्हारी कोई हसरत तो होंगी। " देव ने सरसरी पूछा। " हाँ.. बताऊ सच्ची मे --" देव ने उसे जी भर कर देखा। " भागने की, चलने की, दूर दूर घूमने की... फिर वो जोर से हसी। इतना जोर से। " देव हैरानी मे मुस्करा उठा..फिर वोखूब रोयी... खूब जैसे कोई पत्थर का भार सीने से उतार रही हो। देव की भी आँख भर आयी। लिली एक दम से ...Read More