बाजार -----13 वी किश्त .....
" देव तुम कहा हो। " रानी ने बेवाक सा कहा। " मैं यही पास के गाड़ी रिपेयर सेटंर मे हूँ। " देव ने उबकाई मारते सुस्त लहजे मे कहा।
" कया बात होंगी.... " देव ने कहा।
" बात कुछ तो होंगी... मुझे निर्देशक प्यारे लाल ने कहा, जो तुम्हे देव बता सकता हैं... और कोई नहीं... " रानी ने चॉकलेटी मूड मे कहा।
"-- कया बता सकता हूँ.... चलो... मुझे चेतन कार रिपेयर सेंटर से ले जाओ।" देव ने कहा।
थोड़ी देर मे ही एक घंटी और वजी.... मोबाइल पे।
" मैं मेयट बोल रही हूँ, देव जी... " ये काल लिली के अपार्टमेंट से था।
" कहो.... " देव हैरत मे बोला....
"आप जल्दी कितना --- कितना --- आ सकते हैं..." देव ने आगे उत्सुका से पूछा।
" ठीक हैं... सब ---" घबराते हुए देव ने कहा।
" अभी आता हूँ... " देव ने अनसुलझे तत को जोर देते कहा।
थोड़ी देर बाद.....
रानी की कार चेतन रिपेयर सेंटर पर थी। दोनों बैठ चुके थे। कार देव चला रहा था.... काफ़ी तेज।
तेज.... रफ्तार मे....
"-----कया हुआ ", रानी ने कहा!!
"हम जा रहे हैं एक म्यूटल्टी हॉस्पिटल..." देव ने मोड़ से कार को इतना जोर से काटा कि कार एक दम से छोटा गेर मागती बंद हो गयी।
"घबराये हुए कयो हो.... " रानी ने एक और प्रश्न रख दिया।
" जिसकी बीवी पोलियो ग्रस्त हो... उसके बच्चा होने वाला हो, कितना हैरतअंगेज लगता हैं... जिसकी दोनों टागे पोलियो ग्रस्त हैं..." देव फिर चुप कर गया।
"--हां... बहुत कठिन होगा.. देव... बच्चा पैदा करना... वो औरतें जो टागो से लचार होती हैं... डलीवरी केस कितने कठिन होंगे..." देव का जैसे उसने साहस बड़ा दिया हो उसने।
तभी......
उसके वार्ड मे थे। यहाँ सनाटा छा रहा था। बहुत कठिन था। ज़िन्दगी को एक ज़िन्दगी जन्म देती हैं.... बेहोशी का टीका लिली को लग चूका था। वो आराम कर रही थी। देव ने चूमा था माथे पर। इसके बाद जिसुमसीह की तस्वीर को उसने दोनों हाथो से जैसे प्रार्थना की हो। और वार्ड मे उस नर्स को मिला था.... उसने कहा था, देव जी हम आप को बता दें... जो भी होगा जिसु की किर्पा से अच्छा ही होगा। आप कोई बात दिल पर मत लगाए.... करना धरना उसके हाथ मे हैं... वैसे आप मेरे सब से फेवरट एक्टर हैं। आप तीन घंटे तक यही बम्बे मे ही आस पास ही रहना।
तभी रुक कर देव और रानी कार की और निकल गए थे। एक सिगरट पीने के बाद दूसरी भी लगा के रीना ने देदी थी।
वो धीरे धीरे चलते दस मिनट मे पार्क मे पहुंच गए थे।
देव ने कहा ----" रानी नयी एक्टर हो, कितनीया क़ुरबानी देनी पड़ी... इस देह की... " देव के सवाल ने रानी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
"शायद बहुत " रानी की आँखो मे आंसू थे।
"--दिल का बोझ हलका कर लेना चाइये.... " देव ने जैसे सिगरेट का कश खींच के नुकता दिया।
"--देव इंडस्ट्री मे ऐसा कयो होता हैं.... " रानी ने अन भोले से मुखड़े से कहा।
मतलबी संस्कार और मतलब जितनी देर हमारा पीछा करते हैं... हम बच नहीं सकते। " रानी की पलकों पे जैसे थम गए आंसू बस।
"कितने सुंदर विचार हैं देव आपके... " रानी ने जैसे स्टभावना दी हो।
"इस इंडस्ट्री मे जितनी देर तक मै जीवत हूँ, रानी तुम्हे एक अच्छा कलाकार बना दुगा। " रानी की आँखो मे आंसू की धारा वेह निकली थी।
"मेरी उम्र भी आपको लग जाये। " रानी ने जैसे दिल से कहा था।
(चलदा ) नीरज शर्मा