"आयुषी" तेरा गम मिटाने के लिए ओफिस में काम करनेवाली "आशियाना" से प्यार कर बैठा। साली जिंदगी! कैसे रंग दिखलाती है। आयुषी की जगह आशियाना मिली। बाद में उससे सारे वादे और रिस्ते तौड बेठा। "आनंद" को पता नहीं था, आयुषी सगाई की रश्म में बंध चुकी थी। उसकी हाथ की वो अंगुठीने सारे संबंध तुडवा दीये। लंबे वक्त का इंतेजार के बाद आयुषीने बहुत कम शब्दों में आनंद को खत लिखकर भेजा, "कभी शहर की गलियों में आमने - सामने मिल गये तो देख के नजरों से इश्क कर लेंगे"।
रोमांचक ई-बुक "हमारी अधुरी कहानी" - #Author - Ravi