आरंभ प्रणय का हुआ है, हवाओं ने भी रंग पकड़ा है,
ख़ामोशी ने ओढ़ ली बातें, दिल आज खुलकर धड़का है।
आँखों में उतरा है सपना, पलकों ने सच को पहचाना,
तेरी एक हल्की-सी नज़र ने मेरा हर लम्हा बदला है।
अब तक हाथों ने छुआ नहीं, बात अधूरी ही ठहरी है,
फिर भी तेरी मौजूदगी ने साँसों को उत्सव बख़्शा है।
राहें नई हैं, रातें महकी, चाँद भी गवाह बना,
तेरे नाम के दीपक से अँधेरा खुद ही पिघला है।
कहते हैं इश्क़ में दर्द भी हर क़दम साथ चलता है,
पर इस दर्द की हर आहट में कोई मीठा मतलब छुपा है।