रिश्तों को समझिए, सज़ा मत दीजिए 🌸
आजकल सोशल मीडिया पर हर कोई प्रेम, भरोसा और रिश्तों पर बड़ी-बड़ी बातें करता है।
“सच्चा प्रेम ये करता है… प्रेमिका ऐसा करती है… पत्नी को वैसा होना चाहिए…”
ऐसे पोस्ट हर जगह भरे पड़े हैं।
लेकिन हकीकत में, जब किसी प्रेमी ने प्रेमिका को धोखा दिया होता है
तो निशाना पत्नी को बनाया जाता है।
बिना सच्चाई जाने, बिना सबूत देखे, किसी की इज़्ज़त को बीच में घसीटना
क्या यह इंसाफ़ है?
पत्नी या कोई भी निर्दोष महिला किसी की ग़लती के लिए क्यों बदनाम हो?
रिश्तों की गंदगी फैलाने से अच्छा है
हम पहले सच्चाई समझें, सही-गलत को सही जगह पर कहें
और किसी निर्दोष को कटघरे में खड़ा करने से बचें।
सोशल मीडिया पर शब्दों के ज़रिये किसी की ज़िन्दगी को
आसान भी बनाया जा सकता है, और मुश्किल भी।
इसलिए, बोलने और लिखने से पहले एक पल रुकें, सोचें —
क्या हम न्याय कर रहे हैं या अन्याय?
💬 बातें नहीं, समझ फैलाइए।
बदनामी नहीं, इंसाफ़ दीजिए।
रिश्ते तोड़िए नहीं, उन्हें समझिए।
सोशल मीडिया पर कुछ लड़कियां पोस्ट करती है कि पत्नी गाली सह न पाए और थैला उठा भागती है, और प्रेमिका गाली भी बर्दाश्त करती हैं क्योंकि प्रेमिका निस्वार्थ प्रेम करती हैं