आरज़ू-ए-दिल में एक शम्मा जला कर देखो,
जिंदगी कितनी हसीन है, मुस्कुरा कर देखो।
कदम-कदम पर मिलेंगी नई मंज़िलें तुम्हें,
हौसलों के परों को जरा फैल कर देखो।
गम की परछाइयां भी छू न पयेगी तुम्हें,
उम्मिद का सूरज जरा चमका कर देखो।
इश्क़ की गहराइयों में छुपा है एक जहाँ,
दिल के दरिया में जरा उतार कर देखो।
हर लम्हा एक नई कहानी है यहाँ,
अपनी तरफ से कि दास्तां बना कर देखो।
ये जिंदगी एक खुला मैदान है, राजेश
अपनी ख्वाहिशों की पतंग उड़ कर देखो