"मैं मानता हूँ कि मैंने जीवन में बहुत कुछ खो दिया — परिवार, दोस्ती, प्यार, माँ-बाप, भाई-बहन… सब कुछ।
पर अब, जब जीवन की साँझ मेरे सामने खड़ी है,
मुझे इस बात का कोई मलाल नहीं कि मैंने वो नहीं किया
जो 'दुनिया' मुझसे चाहती थी।
बल्कि मुझे सुकून इस बात का है कि मैंने वो किया,
जो 'मैं' करना चाहता था।
हाँ, ये और बात है कि वो पूरा नहीं हो पाया,
शायद मंज़िल दूर ही रही...
लेकिन रास्ता मेरा था, सोच मेरी थी, और हर क़दम मेरा अपना।
अब जब अंतिम साँसें आएँगी,
तो अफ़सोस नहीं,
एक मुस्कान होगी होठों पर —
कि मैं जीया अपने तरीक़े से।"