आखिर क्या है कर्म ?
यह कुछ अलग नहीं बस आपका ही प्रतिबिंब है|
ये आपके किए का परिणाम है और यही कटु सत्य है
और सत्य यही है कि आपका वर्तमान का नियत ही भविष्य की नियति तय करती है |
हालांकि…
कर्म सुनने में जितना सरल है यह उतना ही जटिल है
या कहे तो जितना जटिल हम सोचते हैं उतना ही सरल है |||
- Rover prashant