कुछ दूर तुम भी लौट तो आओ
कब से यूं ही इंतज़ार में है मेरी दो आँखें
पलकों में जाने क्यों भारीपन सा महसूस होता है
होठों से सिसक की आवाज धीरे धीरे मंद पड़ जाता है
फिर अंदर से एक आवाज आती है
जो कुछ वक्त के लिए मुझे खामोश कर जाता है
मैं हूं एक नदी का किनारा
फिर क्यों खुली आंखों से खड़ा समुंदर नजर आता है??
- Manshi K