अपनी अपूर्णताओं का स्वीकार कर की,
यहां संपूर्ण कोई नहीं है।
है किसी के पास रूप ओर रंग तो,
बुद्धिमता से वो खाली है।
है किसी के पास सब कुछ तो,
वो अपने सोच से अपाहिज है।
है किसी के पास अपने काम में योग्यता तो,
वो अहंकार से भरा पड़ा है।
हर इंसान मै कुछ ना कुछ तो कमियां है ही है,
कोई संपूर्ण है ही नहीं!