उनके एक इंतज़ार में पूरा दिन युही गुज़रता हैँ
अब तो आलम ये के अब notification की आवाज़ पर दौड़ कर phone को देखती हूँ
और वो कहते हैँ
हद हैँ जान
मैं थोड़ा bzy था
मैं करता हूँ बात
मेरी मर्ज़ी भी तो कभी चलने दो
और मेरा पागलपन तो देखे
पूरा दिन उनकी मर्ज़ी का इंतज़ार करती हूँ
- SARWAT FATMI