बित गया वर्षतो क्या पाया,
नया पर्वो का त्यौहार आया।
धंनवंतरि जयंती निरोगी काया,
करता पुजन अर्चन सुख पाया।
धनतेरस धन की पुजा किया।
सुख संपत धन बढे पिया।
लक्ष्मि ,गनेश गुन गान गाया।
होता मंगल शुभ फल पाया।
धन तेरह ,काली चौदश दिखाया।
जलाते दिप सुन्दर साज सजाया।
दीपावली मनाते सब जन जाया,
नुतन वर्ष की शुभ भावना भाया।
भाई दुज की महता स्नेह लाया।
मंगल इच्छति बहना गुन गाया।
मनरव बहाते संस्कृति चला आया।
परंपरा को जन मत पर्व आया।
मनजीभाई कालुभाई मनरव
आये दिन पर्वोकी आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आप का अच्छा होता रहे, एसी मंगल कामनाएं