बाजार में हिला नहीं
तू भी क्या चीज है,कि नाम का गिला नहीं ,
शोहरत की दौड़ में थे सब, तू हिला नहीं।
लोग रोजी रोटी और , शरारत के पीछे,
तू खुद की ईमां और शराफत के पीछे।
दौलत की फ़िक्र में थे, सब तू मिला नहीं,
माजरा ये क्या है , बाजार में हिला नहीं।
अजय अमिताभ सुमन