रामायण भाग - 38
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राम - रावन की तैयारी (दोहा - छंद) 
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एक  एक  करके  सभी, पहुँचे अपने धाम। 
रावन ही बस रह गया, अब योद्धा के नाम।। 
दुर्गा  पूजन  तब किया , नौ दिन औ नौ रात। 
विनती करते कह रहा,  मात  बनाओ  बात।। 
शिव का पूजन भी किया, जपा देव का नाम। 
भोले  बाबा  से   कहे, नाथ  बना  दो  काम।। 
लंका   सारी   जानती,  जानते   साधु  संत । 
लंका  में  कुछ  ना  बचा, रावन का  हैं अंत।। 
अस्त्र  शस्त्र  लेकर  हुआ , लड़ने  को  तैयार। 
मौत खड़ी सर पर बचे, जीवन के दिन चार।। 
उमा वैष्णव 
मौलिक और स्वरचित