रामायण भाग - 34
****************
नाग - पाश (दोहा - छंद) 
************'*********
इंद्रजीत  चल  पड़ा , लेने   को  प्रतिशोध। 
प्रभो राम की शक्ति का,उसे नहीं था बोध।। 
आसमान में रथ लिया, चला असुर अब चाल। 
राम  लखन  बोले  कहा , आया  तेरा  काल।। 
शक्ति चला के कर दिया, उसने अपना काम। 
नाग  पाश  की  शक्ति  से, बंधे लक्ष्मण राम।। 
सब सेना में मच गया, खूब  तब  कोहराम। 
वानर व्याकुल हो गए, मूर्छित लक्ष्मण राम।। 
Uma Vaishnav 
मौलिक और स्वरचित