पता है तुम आओगे नही
फिर भी तुम्हारा इंतजार क्यों है
सबसे अलग कर लिया मैनें खुद को
फिर भी साँसों की डोरी तुझसे उलझी-उलझी क्यों है
इंतजार इबादत इलतजा प्रार्थना मिन्नत विनती
सब की मैनें मेरे साथी
फिर भी तू मेरी रूह में समाया-समाया सा क्यों है।।
मीरा सिंह