जिसे तुमने बुझा दिया वो चराग नही हूं मै
जिसे तुमने भुला दिया वो ख्वाब नही हूं मै
जो लबो तक रुक जाये वो अल्फाज नही हूं मै
जो हर पल बदल जाये वो अन्दाज नही हूँ मै
मुझे नफरत करो या मौहब्बत अब तुम्हारा खास
नही हूँ मै
जिसे जब चाहे तोड़ जाओ वो आज नही हू मै
जो तुमने कभी ना देखा को जज़्बात हूँ मै
मै अब हू उडता हुआ परिन्दा एक बाज हूं मै
एक नये दौर उभरा है उस नये दौर का आगाज हूँ मै .