दुनिया में इंसानियत की हालत खराब है,
जहां देखो वहां हिंसा और अत्याचार है।
सत्य और न्याय की आवाज दब गई है,
और झूठ और अन्याय का बोलबाला है।
इंसान इंसान का दुश्मन बन गया है,
और प्रेम और करुणा की जगह घृणा ने ले ली है।
लेकिन फिर भी उम्मीद की एक किरण है,
कि शायद एक दिन इंसानियत की जीत होगी।
हमें अपने आप को बदलना होगा,
और प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलना होगा।
तभी हम दुनिया में शांति और सौहार्द ला सकते हैं,
और इंसानियत की गरिमा को बहाल कर सकते हैं।
- DINESH KUMAR KEER