ज़िंदगी की राहों में चुनौतियाँ तो आती हैं,
लेकिन हार नहीं माननी है, आगे बढ़ते रहना हैं।
हर एक पत्थर को रख दो रास्ते से हटा कर,
और अपने सपनों की मंजिल को पाने के लिए बढ़ते रहना हैं।
रातों की अंधेरी में भी तारे चमकते हैं,
और सुबह की किरणें नई आशा देती हैं।
हर एक संघर्ष के बाद सफलता का सूरज निकलता है,
और हमारे सपनों को पूरा करने का समय आता है।
ज़िंदगी की राहों में हमें कई बार ठोकरें लगती हैं,
लेकिन हमें हार नहीं माननी है, बल्कि आगे बढ़ते रहना हैं।
हर एक अनुभव से हम सीखते हैं और मजबूत होते हैं,
और अपने सपनों की मंजिल को पाने के लिए तैयार होते हैं।
ज़िंदगी की राहों में हमें अपने आप पर विश्वास रखना है,
और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी है।
तभी हम अपने सपनों की मंजिल को पा सकते हैं,
और ज़िंदगी की राहों में सफलता के साथ आगे बढ़ते रहना हैं।
- DINESH KUMAR KEER