जो दिल की गहराइयों को नहीं जानता,
वो दर्द की कहानियाँ क्या जाने।
जो कभी तन्हा नहीं रहा,
वो अकेलापन क्या जाने।
जो प्रेम की ज्योति नहीं जला सकता,
वो प्रेम की महत्ता नहीं समझ सकता।
जो बिछड़न के दर्द से नहीं गुजरा,
वो अश्क बहाने की भावना नहीं समझ सकता।
जो जीवन की चुनौतियों का सामना नहीं करता,
वो जीवन की सच्चाई नहीं समझ सकता।
जो प्रेम और दर्द के बीच का फर्क नहीं जानता,
वो जीवन की गहराइयों को नहीं समझ सकता।
- DINESH KUMAR KEER