प्रेम का प्रमाण खुद मे खुद को समझाने
के लिए आवश्यक है। यही आधार है अन्तस का , यही आधार है प्रेम मे सम्पूर्ण गर्व को प्रतिष्ठित करने का, यही आधार है विस्तार से शून्यता मे प्रवेश का। पूर्ण समर्पण और परिपक्वता के लिए आधार आवश्यक है और प्रमाण ही आधार है।
- Ruchi Dixit