लगता है मुझे मोहब्बत हो गई है
दिन भाग रहा है,
रात छोटी पड़ रही है,
वक्त का पता नहीं चल रहा
नींद आँखों से कोसों दूर हो गई है
लगता है मुझे मोहब्बत हो गई है
कभी चाँद में तेरा चेहरा दिखता है
आईनों में एक्स तेरा रहता है
यह कैसा जादू है, जो मुझ पर हो गया है
वह दिख नहीं रही कहां खो गई है
लगता है मुझे मोहब्बत हो गई
हर लम्हा बस तेरा इंतज़ार है
मिलने को दिल बेकरार है,
नज़रों को बस तेरा दीदार चाहिये
तुझे ढूंढ रहा हूं तेरा प्यार चाहिए
अब ये जिंदगी बेपरवाह सी हो गई
लगता है मुझे मोहब्बत हो गई है
तू साथ न हो, तो हर पल अधूरा लगता है
तेरे बिन अब, जीना भी गवारा लगता है
दुनिया के असुलो से टकरा सकता हूं
मौत के दरवाजे पर मुस्कुरा सकता हूं
तुझे पाने की जिद हो गई है
लगता है मुझे मोहब्बत हो गई है
इश्क के दरिया में डूब रहा हूँ
पानी ही पानी है मगर सुख रहा हूं
कोई जिंदा रहने का मकसद बता दे
कोई अपना कह कर गले लगा दे
जिंदा रहने की ख्वाहिश मर सी गई है
लगता है मुझे मोहब्बत हो गई है। (राजेश कालिया)