गुरु तो एक मोहरा है
बाकी तो इंसान का दृढ़ संकल्प ही
इंसान को कामयाब इंसान बनाता है !
जैसे कि एकलव्य एक द्रोणाचार्य की निर्जीव मूरत बनाकर
ख़ुद को सबसे बेहतर धनुर्धर साबित किया है !
और द्रोणाचार्य ने एकलव्य कूंच भी न सिखातें हुए भी और
अर्जुन को सबकूच सिखातें हुए भी द्रोणाचार्य ने एकलव्य से
गुरु दक्षिणा में अंगुठा मांगकर अर्जून को सबसे बेहतर धनुर्धर
बनाने में एकलव्य ने मदद की है, बाकी तो गुरु तो एक मोहरा
ख़ुद की मेहनत बगैर कोई भी इंसान कामयाब नही होता है ।।
नरेन्द्र परमार ✍️ 🙏