जीवन का सफर
चल पड़े हैं राहों पर, न मंज़िल का पता है,
हर मोड़ पर एक किस्सा, हर दर्द नया सा है।
धूप भी मिली है साथ, और छांव ने सहारा दिया,
कभी हँसी ने बाँध लिया, कभी अश्रु ने नाता किया।
सपनों की बगिया में, उम्मीदों के फूल खिले,
ठोकरें भी खाईं हमने, पर फिर भी न रुके मिले।
हर दिन एक नया पाठ पढ़ाता है ये जीवन,
कभी बन जाता है गुरु, कभी खुद ही है अपन।
माना राह कठिन है, और मंज़िलें अनजानी,
पर चलना ही तो जीना है, यही है असली कहानी।
तो मुस्कुराकर चलो साथी, न हार को अपनाओ,
हर पल को जी भर के जीओ, यही जीवन का भाव।