आखिरी बेंच (Ahmedabad air crash)
बिखर गए वो आसमान में उड़ते
ना जाने कितने लोगों के सपने
बिखर गए वो आसमान में उड़ते
ना जाने कितने लोगों के अपने
छा गया मातम पुरे देश में
लोगों की हंसी चीखों में बदल गई ।
भरी दोपहरी में काले बादल छा गए
सुखद यात्रा दुखद हादसे में बदल गई।
मौत का बुलावा आया है
कोई कहा जान पाया था ।
कुछ ही पल में वो उडा
कुछ ही पल में टकरा गया था।
कोई खाना खाने बैठा
सिर पर उसके विमान आया था।
खाना थाली में रह गया
खून से चारो तरफ मातम छाया था।
जल कर वो राख हो गए
न जाने कैसी मौत आई है
क्या कसूर था पता नहीं
एक घटना थी जो ऊपरवाले ने रचाई है।
मौत आई ऐसे छुपकर
किसी ने कुछ सोचा ही नहीं
ना वक्त मिला कहने का
किसी ने किसी को पुकारा ही नहीं।
सोच कर हम कांप रहे हैं ।
कैसी मौत मिली उन्हें
कि उनके अपने ही उन्हें
नहीं पहचान रहे हैं।
इस जीवन की
आखिरी बेंच थी उनकी
जहां वो गए सभी साथ
फिर वो लोटें ही नहीं
NISHA K....😔😔