नीलाम करने वाला आदमी है
ठेकेदार भी आदमी है,
काटने वाला भी आदमी है
चीरने वाला भी आदमी है,
पुरस्कार पाने वाला भी आदमी है
जंगल जस का तस असहाय है।
सरकार में आदमी है
सड़क पर आदमी है,
पत्थरबाज भी आदमी है
पुरस्कार पाने वाला भी आदमी है।
गाली देने वाला आदमी है
सुनने वाला आदमी है,
धर्मभेद में आदमी है
पुरस्कार पाने वाला भी आदमी है।
घूस लेने में आदमी है
घूस देने में आदमी है,
सच-झूठ में आदमी है
पुरस्कार पाने वाला भी आदमी है।
ठगने में आदमी है
ठगाजाने वाला आदमी है,
आन्दोलन में आदमी है
पुरस्कार पाने वाला भी आदमी है।
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*** महेश रौतेला