Hindi Quote in Poem by Sudhir Srivastava

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विश्व कविता दिवस (२१मार्च) विशेष हास्य कविता
यमराज और मैं : गुरु चेला
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अभी -अभी मेल पर
यमराज का संदेश आया,
विश्व कविता दिवस पर प्राप्त
यमराज की बधाइयां शुभकामनाओं से
सच मानिए! मेरा दिल भर आया।
साथ ही एक अनुरोध भी था
जिसे आप सबको बताया हूँ
बड़े सलीके से जो उसने लिखा
बड़े प्यार से पढ़कर सुनाता हूँ।
मेरे प्रिय मित्र यमराज ने लिखा -
प्रभु जी! आपके अलावा कोई अपनी कविता में
मेरा एक बार भी जिक्र तक नहीं करता।
ये तो मेरे साथ सरासर नाइंसाफी है
मेरे लोकतांत्रिक अधिकारों पर
खुल्लम-खुल्ला कुठाराघात है।
मैं कब तक यह दर्द भला सह पाऊँगा?
आपके सम्मान की खातिर कब तक चुप रह पाऊँगा?
अब आप ही कुछ कीजिए
मेरे भविष्य की खातिर कुछ यत्न कीजिए,
कवियों कवयित्रियों को समझाइए
सबके बीच मेरा महत्व बढ़ाइए।
वरना मेरे सब्र का बाँध टूट जायेगा
और मेरी उपेक्षा करने वाले
नामुराद कवियों/कवयित्रियों का यमलोक में
आना प्रतिबंधित हो जायेगा।
मेरे चेले- चपाटे भी अब मेरा उपहास कर रहे हैं
आपकी आड़ में मुझे चिढ़ा रहे है,
और तो और धरना प्रदर्शन तक की धमकी दे रहे हैं,
लेखकों, साहित्यिकारों को यमलोक में
मिलने वाली विशेष सुविधा
तत्काल खत्म करने की माँग कर रहे हैं।
हे प्रभु! अब आप ही मेरा मार्गदर्शन कीजिए
मेरे सम्मान की खातिर कोई बीच का मार्ग सुझाइए
वरना अनर्थ हो जायेगा,
सच मानिए! यमलोक में अराजकता का
तांडव रोज- रोज ही बढ़ता जायेगा।
फिर आप मुझे दोष मत दीजिएगा,
वैसे एक सरल सा सुझाव मैं भी दे सकता हूंँ
जिसे राज रखने में ही आपका भला होगा,
मुझसे अच्छा भला और कौन आपका गुरु होगा?
सो या तो आप मेरी सलाह मानिए
और तत्काल मेरे गुरु पद पर आसीन हो जाइए,
और जी भर कर रोब जमाइए,
अब इसमें यदि असुविधा लगे तो
तत्काल मुझे अपना गुरु स्वीकार कर लीजिए।
और बड़े भौकाल से धरती से यमलोक तक
बेख़ौफ़ भ्रमण कीजिए,
दोनों मिलकर जी भरकर मौज मनाएंगे,
धरती से यमलोक तक जमकर उत्पात मचाएंगे,
अपनी औकात हम अनोखे ढंग से दुनिया को दिखायेंगे
इतना ही नहीं हम दोनों ही ब्रह्मांड रत्न बन जायेंगे।

सुधीर श्रीवास्तव

Hindi Poem by Sudhir Srivastava : 111974828
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