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Sudhir Srivastava

Sudhir Srivastava

@sudhirsrivastava1309
(25)

हास्य - बाय-बाय कर रहा हूँ
******************
आज वास्तव में मैं दुखी हूँ,
क्यों दुखी हूँ, ये भी खुद ही बता रहा हूँ,
आपके लिए भले इसका कोई मतलब न हो
पर मेरी तो साँसें उखड़ रही हैं।
हो भी क्यों न? होना भी चाहिए
क्योंकि आज पहली बार मित्र यमराज ने
मेरे संदेश का कोई जवाब नहीं दिया,
कहीं वो नाराज़ तो नहीं हो गया
किसी मुश्किल में तो नहीं फँस गया,
या फिर ऐसा तो नहीं कि कोरोना की चपेट में आ गया,
और घर में ही क्वारंटाइन हो गया।
आखिर मुझे इतना डर क्यों लग रहा है?
और आप लोगों को मजाक सूझ रहा है
जो मेरी समस्या समझ नहीं पा रहे हैं
बेवजह खींसे निपोर रहे हैं,
यकीनन आप मेरे शुभचिंतक नहीं रह गये हैं।
शायद यमराज से ईर्ष्या कर रहे हैं
वो मेरा मित्र हैं, बस इसी से जल-भुन रहे हैं,
पर जान लीजिए! ये अच्छा नहीं कर रहे हैं।
आप क्या सोचते हैं कि वो हमसे रुठ जायेगा?
हमसे मित्रता तोड़कर खुश हो जाएगा?
तो यकीनन आप सब बड़े मुगालते में हैं,
या हम दोनों के मित्रता सूत्र को जानते ही नहीं हैं।
सच है कि मैं उसको लेकर परेशान हूँ
और वो बड़ा मजे में है, तो ऐसा भी बिल्कुल नहीं है।
मुझे पता है कि वो भी हैरान परेशान हो रहा होगा
मेरा मन आप सबसे बात करते हुए मुझे संकेत दे रहा है
कि वो अभी मुझसे मिलने आ रहा है,
और लीजिए! वो दरवाजे पर आ भी गया है।
अब मैं आप लोगों से विदा ले रहा हूँ,
तत्काल अपने प्यारे मित्र के स्वागत में जा रहा हूँ।
आप सबका बहुत आभार, धन्यवाद कर रहा हूँ,
चाय पीना हो तो आप भी आ जाइए, बिल्कुल न शर्माइए
मित्र यमराज के साथ आपका इंतजार करुँगा,
नहीं आना चाहते तो भी कोई बात नहीं
फिलहाल तो मैं आप सबको बाय - बाय कर रहा हूँ।

सुधीर श्रीवास्तव ( यमराज मित्र)

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व्यंग्य - खुद रोयेगा, मुझे भी रुलाएगा
*************
आज पहली बार मैंने यमराज की दु:खी देखा
इतना असहज मैंने उसे पहले कभी न देखा था
बेचारा कुछ बोल भी नहीं पा रहा था।
मैंने हौसला बढ़ाया, शीतल जल पिलाया
अपने पास बैठाकर दुलराया
कुछ देर में ऐसा लगा कि बंदा अब कुछ लाइन पर आया।
मैंने प्यार से पूछा - ऐसा क्या हो गया भाया
जिसने मेरे यार की चूलें हिलाया।
उसने जो बताया, वो हमारे लिए तो आम बात है,
हमारे यहाँ वैसे भी कौन, किसको भाव देता है,
अपने अब अपने नहीं रहे
वे ही दुश्मन बनते सबसे बड़े,
मान सम्मान तो अब कथा कहानियों में अच्छे लगते हैं
मर्यादा के दिन तो कब के लद चुके हैं।
संवेदनाओं का दौर भी अब जा रहा है,
विश्वास की आड़ में स्वार्थ का नृत्य नसरेआम रहा है,
रिश्ते भी रिश्तों का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं
आये दिन रिश्तों का खून होने की खबरें
समाचार पत्रों के मुखपृष्ठ पर छप रहे हैं,
जाने किस दौर में हम आप जा रहे हैं
जानवर भी अब हमें चिढ़ाने लगे हैं।
यमराज की बात सुनकर मैंने उसे समझाया -
तू भी आदत डाल ले भाया,
अच्छा होगा - सतर्कता संग सावधान हो जा यार
हो सके तो यमलोक में एक प्रस्ताव भी पास करवा ले।
वरना तू और व्याकुल होता ही जाएगा,
वहाँ की व्यवस्था में भी जब सेंध लग जायेगा
धरती लोक का असर यमलोक तक पहुँच जायेगा।
फिर यहाँ और वहाँ में अंतर क्या रह जाएगा?
क्या तेरे और तेरे चेलों के लिए खतरा नहीं बढ़ जाएगा?
पूरी ईमानदारी से कहता हूँ,
तब तू भी कुछ नहीं कर पायेगा,
मुझसे भी तेरी समस्या का कोई हल नहीं मिल पायेगा,
तब तू खुद तो रोयेगा ही, मुझे भी रुलाएगा।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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हास्य - पढ़ा लिखा बेवकूफ हूँ
*************
आप मानते हैं कि मैं बेवकूफ हूँ
अच्छा है, पर आपकी सोच का दायरा कितना छोटा है
कम से कम मेरी योग्यता भी तो देख लेते
और बेवकूफ होने का तमगा तो सम्मान से देते।
मैं तो खुद ही कहता हूँ कि मैं बेबकूफ हूँ
पर आपको जो नहीं पता तो मैं खुद बता देता हूँ
कि मैं ऐसा - वैसा नहीं,पढ़ा लिखा बेवकूफ हूँ।
मेरा भी एक अपना एक स्थापित स्तर है
आम बेवकूफों की श्रेणी में मुझे बिल्कुल मत रखिए। वरना मुसीबत में फँस जायेंगे
मेरा अपमान करने-कराने के बदले
कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाते रहे जायेंगे ,
फिर आप हमको ही जी भरकर गरियायेंगें
जिसे हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे,
फिर किसी को आपके नाम की सुपारी
ईमानदारी से देने को विवश हो जायेंगे,
फिर आप ही नहीं आपके अपने भी आपको धिक्कारेंगे
आपका जीना हराम कर देंगे
बार-बार यही उलाहना देंगे।
क्या जरूरत थी किसी बेवकूफ को बेवकूफ कहने की
कहना ही था तो कम से कम उसका स्तर तो जान लेते
थोड़ा बहुत छानबीन भी कर लेते।
फिर तो आप खुद ही बेवकूफ बन जाएंगे
अपनी बेवकूफी किसी को बता भी नहीं पाएंगे,
और हम जैसे बेवकूफों को
बेवकूफ कहने से पहले अपने कान पकड़ेंगे
और ऐसी भूल करने से पहले सौ बार सोचेंगे।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र

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कौन तुझसे डर रहा है
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वाह रे! कलयुग
तेरी माया भी कितनी अजीब है,
बड़े-बड़े ज्ञानी, संत, महात्मा, विद्वान
या फिर हो आज का विज्ञान
किसे समझ आता है, जो दे रहा तू ज्ञान।
सब कुछ उल्टा-पुल्टा हो रहा है
सबका ही भाव गुलाटी मार रहा है,
रिश्ते, संवेदना, मर्यादा हो या मान-सम्मान
सब समय के दलदल में धँसता जा रहा है।
तेरा अट्टहास बता रहा है
कि तू अपने मकसद में सफल हो रहा है,
अपवादों, विडंबनाओं की बात ही हम क्यों करें?
अंगूर खट्टे हैं, सब तो यही संवाद करें।
भगवान भला करें तेरा, जो बड़ा फल-फूल रहा है,
अपने विकास की नित नई गाथा लिख रहा है
और आज हमें ही आइना दिखाकर चिढ़ा रहा है।
पर हम ठहरे नादान, नासमझ, पढ़ें लिखे बेवकूफ
बस! इसी बात का तू फायदा उठा रहा है,
अपनी सफलता पर खूब इतरा रहा है
विनाश का संकेत देकर हमें भरमा रहा है
ईमानदारी से कहूँ तो तू सब पर भारी पड़ रहा है।
कलयुगी इतिहास रचता जा रहा है
शर्मोहया को छोड़ भाँगड़ा नृत्य कर रहा है
और हम-सबको डराने की कोशिश कर रहा है।
पर ऐसा लगता है, कि तू मुगालते में जी रहा है,
जरा हमको भी तो बता!
आज के समय में कौन तुझसे डर रहा है?

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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फर्क नहीं पड़ना
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क्या आप किसी को बताना पसंद करेंगे
या यूँ ही मन में गुबार सहेजें रहेंगे,
आपकी नाराजगी का आधार क्या है?
या मान लें कलयुग का यही सार है।
आपके मुँह मोड़ने का आखिर कारण क्या है?
जिसे बताना आप उचित समझते ही नहीं
यूँ तो आपको विवश करने का मेरा कोई इरादा भी नहीं।
पर इतना तो जरूर कहूँगा
कि जिद के भ्रमजाल में मत फँसिए,
यह और बात कि यदि खुद के
सर्वाधिक बुद्धिमान होने का अनायास ही भूत सवार है, तो कोई बात नहीं है,
पर इतना तो जान लीजिए
आने वाले कल में अपने आपको
बड़ी मुश्किलों के लिए खुद को तैयार रखिए।
जाने-अंजाने आपने जो गुनाह किये हैं
और अब भी उसे उसे दोहराते जा रहे हैं,
सच मानिए- कल में आप सिर्फ अकेले रह जाएंगे,
अपने आसपास हमें तो क्या किसी को भी नहीं पायेंगे।
जिसके जिम्मेदार भी आप खुद होंगे
क्योंकि तब तक तो आप
औरों की भावनाओं से खेलने वाले बड़े सूरमा होंगे।
कोई आप का मान-सम्मान करता है
आपके दुःख-सुख में भागीदार होता है
इसका मतलब ये तो नहीं
कि वो सिर्फ अपने स्वार्थ की आड़ में ही ऐसा करता है।
सच तो यह है कि वो आपको अपना समझता है
आपसे रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ता है,
जिसमें सिर्फ आत्मीयता और संवेदनाएँ होती हैं
भले ही उसका आपसे खून का कोई रिश्ता नहीं होता है,
फिर भी गंगाजल की तरह पाक-साफ होता है।
खून के रिश्ते भी आजकल कौन सा तीर मार रहे हैं,
वो भी अपनों को ही सबसे ज्यादा टीस दे रहे हैं
अब यह आपको सोचना है कि आगे क्या करना है?
किसी को आँसू देकर घमंड में चूर रहकर
औरों को नीचा दिखाना है
या मानवीय संवेदनाओं की नई इबारत लिखना है
फैसला भी आपको करना है
क्योंकि ये आपका स्वतंत्र अधिकार है
इससे अधिक मुझे कुछ और नहीं कहना है।
जीवन आपका है मित्रवर
कैसे जीना है, यह आपको ही सोचना है,
बहुत रो लिया अब वो आपकी खातिर
आप चाहें भी तो उसे आपसे बहुत दूर ही रहना है,
आप हँसते हैं या रोते, उसे ही क्या
मुझे और किसी को भी अब कोई फर्क नहीं पड़ना है।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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हास्य-व्यंग्य - आपरेशन चूड़ी-बिंदी
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अभी-अभी यमराज का फोन आया
क्या ये सच है प्रभु! जो मेरे चेले ने बताया?
मैंने झुंझलाते हुए कहा -
मुझे क्या पता जो तेरे चेले ने तुझे उकसाया
लगता है तेरी मेरी यारी से उसके मन में
अचानक ईर्ष्या का भाव उभर आया।
यमराज हड़बड़ाया और बोला-
न प्रभु! ऐसा सोचना भी मत
उसने तो सिर्फ आपके बारे में मुझे बताया
बेचारा बड़ा मायूस हो रहा था
मुझे तुरंत जाकर आपसे मिलने के लिए कह रहा था?
पर आप मुझे और मेरी व्यस्तता जानते हैं
यमलोक में पाकिस्तानी आत्माओं के लिए
तन्हाई बैरक बनवा रहा हूंँ,
क्योंकि ये नामुराद वहाँ भी उत्पात मचाए हुए हैं
अपनी जनसंख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं
थोक में आतंकी आत्माओं को लाने की माँग कर रहे हैं।
अब आप तो जानते ही हैं
कि ऐसा तो सिर्फ मोदी जी ही कर सकते हैं,
आपरेशन सिंदूर के साथ-साथ
आपरेशन चूड़ी-बिंदी भी चला सकते हैं
पाक आतंकी आत्माओं को यमलोक भिजवाकर
इन दुष्टों की माँग पूरी कर सकते हैं,
इसके लिए भारतीय सेना को थोड़ी और छूट दे सकते हैं।
नामुराद पाक आतंकी आत्माओं की
ये मुराद केवल मोदी जी ही पूरी कर सकते हैं।
आप मेरा प्रस्ताव मोदी जी तक पहुँचाइए
संसद में जल्दी से प्रस्ताव पास करवाइए,
यमलोक को अस्थिरता से बचाइए
और जल्दी से जल्दी आपरेशन चूड़ी-बिंदी चलवाइए।
जब तक ऐसा नहीं होता
तब तक कुछ बम-बारुद, ड्रोन, राकेट, मिसाइल
और दस-पाँच ब्रह्मोस ही यमलोक भिजवाइए,
यमलोक की शाँति व्यवस्था में थोड़ा बहुत
कम से कम आप भी तो अपने यार का
थोड़ा बहुत साथ तो निभाइए।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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दोहा मुक्तक - आपरेशन सिंदूर
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बिना युद्ध के देश ने, मार लिया मैदान।
दुश्मन की तो छोड़िए, दुनिया है हैरान।।
पता हमें भी तब चला, आँख खुली जब भोर।
दुनिया सारी कह रही, जय हो हिंदुस्तान।।

आभा में सिंदूर के, चुँधियाया है पाक।
घुटनों पर वो आ गया, है सिंदूरी धाक।।
अब तो सारा खेल ही, बिगड़ गया वो मित्र।
भारत वासी लें मजे, हुआ पाक बहू चाक।।

गीदड़ भभकी का उसे, ऐसा मिला जवाब।
सोचा जिसका ना कभी, सपने में भी ख्वाब।।
आज समझ आया उसे, हिंदुस्तानी दाँव।
जब गाँधी के देश ने, झाड़ा खूब रुवाब।।

गोली अब जो एक भी, आयी सीमा पार।
गोला लेकर जायेंगे, आतंकी के द्वार।।
बदला भारत आज का, जान लीजिए मित्र।
रहते अब तैयार हम, जाने सब संसार।।

मोदी जी ने कह दिया, नहीं चाहते युद्ध।
इसका मतलब ये नहीं, बनें रहेंगे बुद्ध।।
शांति अहिंसा का नहीं, भूले हम सिद्धांत।
रखते सारे दाँव को, त्याग भाव अति क्रुद्ध।।

आतंकी बेचैन हैं, समझ न आए नीति।
रास उसे आई नहीं, आतंकिस्तानी रीति।।
बिल में सोये थे सभी, लंबी चादर ‌ तान।
सहन नहीं वे कर सके, स्ट्राइक की प्रीति।।

हमने जड़ पर जब किया, अपना सही प्रहार।
पता नहीं था थोक में, मिलता है उपहार।।
जिनको सोचा था नहीं, उनको टीसे घाव।
बेचारे अब क्या करें, लुटा शत्रु दरबार।।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र

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हास्य व्यंग्य -आपरेशन चूड़ी
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सुबह-सुबह मित्र यमराज का संदेश आया
प्रभु! मेरे मन में आखिर ये विचार क्यों आया?
आखिर हम किस पर विश्वास करें?
करें भी तो क्यों और कैसे करें?
आपको तो मुझसे बेहतर पता है
आपके लोक की रामलीला आठवें आश्चर्य से कम नहीं है।
इतना तक ही था, तो मैं सह रहा था
मगर यहाँ तो पानी सिर के ऊपर जा रहा है।
ना-पाक आतंकी आत्माएं यमलोक में भी
अब उत्पात मचाने लगी हैं,
पाकिस्तानी यमलोक की मांग के नाम पर
आतँकवाद की नींव रख रही हैं,
गैर पाकिस्तानी आत्माओं का सुकून छीन रही हैं,
हिंसा, आतंकवाद के पाँव जमाने की कोशिश कर रही हैं।
समझ में नहीं आता में करुँ भी तो क्या करुँ?
आप कहो तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति आज ही ले लूँ।
मैंने जवाब में उसे एक विचार सुझाया
पाकिस्तानी आत्माओं के लिए
नया यमलोक बना कर उनकी मुराद पूरी कर दो
बस उसका पता और नक्शा भारत भेज दो।
भारत के शूरवीर सब सँभाल लेंगे
मोदी जी से आपरेशन चूड़ी का आदेश तत्काल ले लेंगे
आपरेशन सिंदूर की ही तरह आपरेशन चूड़ी चलाकर
धरती से ही पाक आत्माओं को चूड़ियाँ पहना देंगे,
उनकी उदँडता पर कसकर लगाम लगा देंगें।
फिर भी न माने तो तू तो जानता है उन्हें
मोदी जी खुद ही पाताल में पाक यमलोक बसवा देंगे
जहाँ पाक आत्माओं के सिवा
अन्य आत्माओं के धूल भी नहीं मिलेंगे।
तब वे सब बेचारे आखिर क्या करेंगे
वहीं आपस में कटे- मरेंगे
और पागल होकर भीख माँगेंगे
वो भी जब नहीं पायेंगे, तब भूख से बिलबिलायेंगे
पर बेचारे कुछ करने लायक भी तो नहीं रह जायेंगे,
तेरे विश्वास को डगमगाने की वे तो क्या
उनके पुरखे तक सोच नहीं पायेंगे।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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मेरी भविष्यवाणी
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कल देर रात भागा-भागा यमराज मेरे पास आया
और मुझे झिंझोड़ते हुए कहने लगा,
प्रभु जी! नींद से बाहर निकलिए
यमलोक ब्रेकिंग देखिए
नापाक पाक मौत से खेल रहा है,
लगता है उसके प्रधानमंत्री सेनाध्यक्ष
सब पागलाये हुए हैं
या सचमुच आतंकियों की उँगलियों पर
ता था थैय्या कर रहे हैं
और पाकिस्तान के विनाश की पृष्ठभूमि
सब मिलकर ही तैयार कर रहे हैं।
उसकी बात सुनकर मैं उठकर बैठ गया
नींद तो तूने आते ही छीन लिया।
यार! तू जाने क्या बक रहा है?
भ्रामक खबरें इधर-उधर कर बड़ा उछल रहा है।
क्षमा प्रभु! मैं सच कह रहा हूँ
मेरे खुफिया सूत्रों की ये पक्की खबर है।
आप मोदी जी को समझाओ
तत्काल सीजफायर खत्म ओ
पाकिस्तान पर फिर से स्ट्राइक करवाओ।
वरना बड़ा अनर्थ हो जाएगा
सीजफायर की आड़ में एक दिन
नामुराद पाक परमाणु बम चलायेगा।
मैं झुँझलाया - परेशान मत हो यार,
ऐसा कुछ भी नहीं होगा
सीजफायर की आड़ में ही तो पाक का
ऐसा पक्का इलाज हो जाएगा,

भारत चुपचाप उसको ऐसी गुलाटी खिलाएगा
कि नापाक पाक के कुछ समझ नहीं आयेगा
वो मुँह की खायेगा और औंधे मुँह गिर जायेगा
भूख प्यास से तो पाक वैसे ही मर जायेगा।
तू भी क्या नापाक भिखारियों की बात करता है
जिसका जनरल सबसे पहले बंकर में घुसता है।
झूठे प्रोपोगंडा से क्या कहीं देश चलता है।
तू तनिक भी चिंता मत कर यार
पाकिस्तान पाँच टुकड़ों में बँट जायेगा
झूठे पाकिस्तानियों का परमाणु बम भी फुस्स हो जायेगा
तब तू ही बता कि भला झूठ पाकिस्तान
आखिर किस मुँह से, कैसे और क्या बोल पायेगा?
जब उसका अस्तित्व ही इस लायक नहीं रह जायेगा।
तब दोनों कुत्तों की तरह भागे-भागे फिरेंगे
उनके अपने ही उन्हें जब डंडा लेकर दोड़ाएंगे।
तब दोनों भागकर भारत आयेंगे
मोदी के कदमों में गिरकर गिड़गिड़ायेंगे
और जान बचाने के लिए नाक रगड़ेंगे
और अपने मोदी जी उन्हें दुत्कार कर भगा देंगे
उठवाकर पाकिस्तान की सीमा में फिंकवा देंगे।
यह मेरी भविष्यवाणी तू भी कान खोलकर सुन ले
दोनों का नमाजे-जनाजा भी नसीब नहीं हो पायेगा,
हां दोनों पापियों के मुर्दा जिस्म के माँस से
वहाँ के चील कौओं, कुत्तों का पेट कम से कम
एक दिन ही सही सूकून से भर तो जायेगा,
और उनकी तरफ से भारत के लिए
एक धन्यवाद प्रस्ताव भी जरुर आयेगा,
मेरी भविष्यवाणी का नया इतिहास बन जायेगा।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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आपरेशन सिंदूर : खौफ का पर्याय
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यूँ तो हर सैन्य आपरेशन को एक नाम दिया जाता है
पर आपरेशन सिंदूर का नामकरण
हमारी माँ बहन बेटियों की भावनाओं से जुड़ा है।
कहने को तो केवल एक चुटकी सिंदूर ही तो है
इसे इतना महत्व देने की जरूरत क्या है?
तो सोचिए! जिस बहन बेटी का सुहाग उजाड़ा गया हो,
उसकी आँखों के सामने उसके जीवन साथी को
मौत के घाट उतारा गया हो,
ऊपर से तुर्रा ये कि जाकर मोदी को बता देना
बस यही बात मोदी के कलेजे में शूल सी चुभ गई,
यहीं से आपरेशन सिंदूर की नींव पड़ गई थी।
आपरेशन सफल से भी ज्यादा सफल हो गया
हिंदुस्तान का डंका बज गया,
यह ठीक है कि सब कुछ बड़ी आसानी से हो गया,
सरकार सेना ने जो किया उनका कर्तव्य था,
यह भी हम-आप मान सकते हैं
पर इसके पीछे हमारी मातृ-शक्तियों के
भावनात्मक संबल और उनके सिंदूर की ताकत का भी अनोखा बल भी सरकार, सेना और देश के साथ था।
कहने के लिए हम-आप कुछ भी कह सकते हैं
पर सिंदूर की ताकत को क्या नकार सकते हैं?
क्योंकि आपरेशन सिंदूर सिर्फ आपरेशन भर नहीं
देश में जाति-धर्म से ऊपर उठकर
राष्ट्रीय एकता की मिसाल बन गया,
देश का हर नागरिक इससे सीधे-सीधे जुड़ गया
जैसे अपनी माँ, बहन, बेटी की माँग
उजड़ने जैसा महसूस कर हिल गया,
सरकार की इच्छा शक्ति, सेना का शौर्य के साथ
देश की भावना और सिंदूर की अदृश्य शक्ति साथ मिलकर
आपरेशन सिंदूर नव इतिहास रच गया
हम सबसे ज्यादा, हमारी मातृ-शक्तियों को
सूकून का अहसास करा गया,
इतना ही नहीं देश में नया जोश भर गया
और आपरेशन सिंदूर दुश्मनों के लिए
खौफ का नया पर्याय बन गया।

सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र)

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