जीवन रूप अनेक हैं,
जीवन रंग अपार |
कोई देखे कुरुक्षेत्र यहाँ,
कोई गीता सार ||
जीवन एक कुरुक्षेत्र है,
रण भूमि या कर्म भूमि |
जानो अपनी भूमिका तुम,
हो महारथी, या हो सारथी ||
जैसा अपना साथ है,
अंत यथोचित होता है |
कहने को है भाग्य मगर,
चुनाव हमारा होता है ||