मुझे नही पता बुद्धत्व क्या है ना इसको जानने की कोई अब कोशिश है अगर आप पूर्ण वर्तमान में रह सकते हो पूर्ण मौन के साथ आप एक कप चाय बना सकते बिना कोई विचार आए इतना भी के चाय बनाई जाए आप सूर्य को उदय और अस्त होते देख सकते हो बिना किसी विचार के आप रात के सन्नाटे को सुन सकते हो बिना विचार के तो आप बिल्कुल करीब हैं बुद्धत्व के आप अंतिम पायदान पर हो फिर ध्यान का एक हल्का सा धक्का और आप पूर्ण मैं विलीन हो जायेगे । इसलिए बुद्ध अभी भी उसी पायदान पर है कहानी कहती है उन्होंने संकल्प किया है जब तक अंतिम मनुष्य बुद्धत्व को नही पा लेगा तब तक वो वहीं रुक हैं ।
Mahesh osho