गत वर्ष का थामें हाथ
देखो धीरे धीरे चला आ रहा है नया साल।
दुख निराशा और उदासियों की पोटली बांध
देखो धीरे धीरे चला जा रहा है पिछला साल।
नई खुशियों, उमंगों और आशाओं की लेकर सौगात
देखो मुस्कुराता सा चला आ रहा है नया साल।
फीके पड़ चुके रिश्तों में घोलने फिर से मिठास
देखो प्रेम से भरा चला आ रहा है नया साल।
जीवन में करने सकारात्मकता का संचार
देखो जोश से भरा चला आ रहा है नया साल।
हर ख्वाहिश को देने उसका मुकाम
देखो धीरे धीरे चला आ रहा है नया साल।
नववर्ष आपके जीवन में लाए खुशियां अपार
इन्हीं शुभकामनाओं संग मुस्कुराता चला आ रहा है नया साल।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati