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ना थी कल की परवाह ना थी आज की फ़िक्र कितने सुहाने थे वो मेरे बचपन के दिन।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
ना थी जेब में अठन्नी ना थी सर पर पक्की छत फिर भी मेरा बचपन ना था किसी रहीश से कम।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
चाय सा है इश्क तेरा... दूरी के अहसास भर से ही कमबख़्त तलब बढ़ जाती है।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
मंड़प सजा है सपनों का, ख्वाहिशों की आई बारात आज पूरे होंगे सब सपने,जोे मिलकर देखें थे साथ ।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapat
आंसुओं की अजब कहानी खुशी-गम में एक समान आंखों से बन बहता पानी।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
मत चिंता कर ऐ मन! वक्त का पहिया घूम रहा है माना आज बुरा है वक्त तो कल अच्छा भी आएगा ।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
दिल के रंग की क्या बात कहे खुशबू से भीगी मंद बयार कहे बादलों से झांकता मेहताब कहे या इश्क में डूबा लाल गुलाब कहे बेइंतहा धड़कता रात दिन सीने में किन लफ़्ज़ों में इसके जज़्बात कहे।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
देखी जमाने तेरी कुछ अजब ही रिवायतें अपनी मुफलिसी में जिन्हें हमदर्दी जताते पाया वही मेरी खुशहाली से ज्यादा परेशान नजर आया!! सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
अपने तप से वृंदा बनी विष्णु प्रिया शालिग्राम संग हुआ इनका विवाह सभी रोग व्याधियों का करती यह नाश जिस घर आंगन में रहता इनका वास वह घर आंगन इस धरा पर स्वर्ग समान।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
जिंदगी में सुकून के साथ चाहिए रिश्तों का भी साथ तो सीख लीजिए थोड़ी सी चुप्पी, थोड़ी अनदेखी और थोड़ा सा नजर अंदाज करना जनाब! सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
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