तुमको देखूं तो देखता जाऊं मैं
तेरे बिन एक पल भी रह ना पाऊं मैं
तेरे बदन की आग में जलता जाऊं मैं
बिन पानी के भी भीगता जाऊं मैं

बेकस है मेरा दिल तेरे बिन
रात ही कटती ना कटते मेरे दिन

जितना चाहता हूं दिल की बाज़ी में
आगे तू ही है तू ही माज़ी में
तेरे खयालों में उलझा रहता हूं
तेरी ही बाते करता रहता हूं जी में

- Rushil

English Poem by Rushil Dodiya : 111949453
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