बचपन की गलियों में, यादें हैं वो प्यारी,
पापा के संग-संग, हर खुशी हमारी।
उनकी मुस्कान में, बसी है ये दुनिया,
उनके बिना जीवन, लगे सूना-सूना।
सख्त हाथों में भी, छुपा था वो प्यार,
जीवन की राहों में, थे आप ही सहारा।
पापा की बाँहों में, है सुरक्षा का एहसास,
उनके बिना जीवन, लगे जैसे कोई प्यास।
आपने सिखाया हमें, हर मुश्किल से लड़ना,
आपकी दुआओं ने, सदा हमें था बढ़ना।
पापा के बिना ये, दुनिया है वीरान,
उनके साथ ही होती है, हर सुबह और शाम।