बहुत दिनों से कोई हलचल नहीं है,
चलो थोड़ी सी दिल्लगी करते हैं।
दो दो कदम अपने सब बढ़ाओ,
चलो इश्क की सीढ़ी पर चढ़ते हैं।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111943093
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