इस पार मैं,झील के उस पार आप है

लहरों के आईने में दिखाई देते आप है

काश के वो पूछे तुम्हे क्या पसंद है....

और में मुस्कुरा कर कहूं सरताज अप है

-गुमनाम शायर

English Shayri by गुमनाम शायर : 111938225
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