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इस पार मैं,झील के उस पार आप है लहरों के आईने में दिखाई देते आप है काश के वो पूछे तुम्हे क्या पसंद है.... और में मुस्कुरा कर कहूं सरताज अप है -गुमनाम शायर
है अगर मोहब्बत तो जिस्म की नुमाइश क्यों बेहद है अगर तुम्हे मोहब्बत,तो पैमाईश क्यों -गुमनाम शायर
दौर ए जिंदगी में औरत की अहमियत कहा होती है गम सारे दामन मैं खुशियां भी कहा नसीब होती है -गुमनाम शायर
बदला तो वो लेते है जिनका दिल छोटा हो हम तो माफ करके दिल से निकाल देते है -गुमनाम शायर
में नहीं चाहता के वो मेरे बुलाने से आए वो रह ना पाए मेरे बगैर और किसी बहाने से आए,, -गुमनाम शायर
गम इस बात का नही के उस के साथ कोई नही, गम इस बात का है के मैं उस के साथ नही,, -गुमनाम शायर
मशरूफ था मैं मेने ये गुनाह क्या कुछ पल के लिए मेने उसे भुला दिया वो इंतजार करता रहा मेरा दिन भर और मैने ही उसका दिल दुखा दिया वो तड़पती रही एक मुलाकात के लिए मेरी गलतियों ने उसे भी रुला दिया एहसासों को उसके समझ ना सका में जज़्बात ए ख्वाब को मेने सुला दिया -गुमनाम शायर
वास्ता नही रखना तो, नजर क्यू रखते हो,, किस हाल मैं हु जिंदा, खबर क्यू रखते हो,, -गुमनाम शायर
गलती उसकी भी नही आखिर वो भी क्या करता चाहने वाले उसके इतने थे किस किस से वफा करता -गुमनाम शायर
हम तो दम से बेदम होते है खुशी कम ज्यादा गम होते है हिजाब जब बेहिजाब होते है उनकी नजरों से नजर अंदाज होते है मेह जब आंखो से छलकते है बह जाते है हम बहके से होते है सज़ा सी लगती है मुझे जिंदगी ना दिन को सुकून ना रात को हम सोते है तरसते रहे इश्क की कुछ बूंद को वो लगाते है आग हम खाक होते है -गुमनाम शायर
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