#Positive
चलो आज बात कुछ यूं कर ले
अपने अपने दायरो का हिसाब कर ले
तेरे हिस्से में कितना तू आता है
मेरे हिस्से में कितनी मैं
चल ये बात भी आज साफ कर ले
सवाल ये है कि...
तेरे हिस्से में जवाब ही क्यों
मेरे हिस्से में सवाल ही क्यों
तेरे हिस्से में पूरी मर्जी तेरी
मेरे हिस्से में सिर्फ इजाजत ही क्यों ?
तुम्हें नहीं लगता ये जायज नहीं
तेरे हिस्से में सिर्फ तू
मेरे हिस्से में पूरी मैं भी नहीं
क्यों न रिश्ता की इस दोहरे चेहरे की धूल भी साफ कर ले
अपने अपने दायरो का हिसाब कर ले
सवाल ये है कि...
मुझे मेरे हिस्से में जीने के लिए तेरी इजाजत की जरूरत क्यों है ?
हर रोज तेरी हां और ना के बीच घुटते रहने की जरूरत क्यों है ?
ये सारे कायदे सारे बोझ
मेरे हिस्से में क्यों है ?
मेरा हिस्सा तेरे तंग दिल इजाजत का मोहताज क्यों है ?
जब हिस्से बराबर है तो दस्तूर क्यों नहीं ?
तू भी मेरी इजाजत की घुटन का बोझ उठाने के लिए मजबूर क्यों नहीं ?