#Alone
अकेला होना उस अकेलेपन से कहीं अच्छा,
गर भीड़ में भी अकेला ही महसूस हो।
सुख के साथी तो होते सभी हैं यहाँ,
दुःख-दर्द में अकेले गर रह जाते जो।
अकेले रह हम खुद से परिचय कर पाते,
वर्ना आपाधापी में स्वयं के अस्तित्व को तलाशते।
बहुत कुछ पाने की हसरत लिए,
वर्तमान को खुलकर नहीं जी पाते।
* अर्चना सिंह जया,गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश