पता नहीं क्यों गिलहरी को यू प्यार से खाते देखना कितना सुकून दे जाता है......फ़ुदक फ़ुदक कर इधर से उधर भागती रहती है तनिक ठहर नहीं सकती है..... उनको पकडने के लिये उन तक जाती हूँ वो देखते हि फ़ुर से भाग जाती है...!!
इधर से उधर फ़ुदकती रहती है!! जिस दिन भी छत पर गेन्हू सुखाने के लिये डाले जाते हैं उस दिन ढेरो आ जायेगी गिलहरी अपनी गौरैया , फ़ाख्ता और भी चिड़िया उन सब को टुकुर टुकुर खाते देखना दिल को बड़ी ठन्डक मिलती है l ऐसे भी खाने के लिये रख दिया जाता उस दिन सिर्फ़ गिलहरी गौरेया हि नजर आती है l
गिल्लू तो फिर आराम से खा लेती है पर हमारी गौरेया वो बड़ी जल्दी में लगता रहती है,, बड़ी जल्दि से चोच में खाने को भरने लगती थोडा बहुत गिरा भी इतनी जल्दबाजी में कही कोई उन्हें पकड ना ले l
सुकून से खाना हर व्यक्ति का कोशिश रहती है l पता नहीं मुझे लोगों को भी खाते हुये देखना अच्छा लगता जब उनके चेहरे पर नजर पडती है कितना सुकू झलकता है l खाना कितना बड़ी नेमत है,, बहुत लोगों को दो वक़्त खाना भी नसीब नहीं होता है l
अकसर देखा है शादी ब्याह में कितना खाना बर्बाद किया जाता है कुछ लोग तो खाने कि थाली इस कदर भर लेते है कि उसमे जगह हि नहीं रहती है, चाहे पूरा खाना खाय भी ना, मुझे समझ नहीं आता है कि लोग अपनी थाली इतना भर क्यों लेते हैं जैसा खाना लगता भाग जायगा थोडा खाया और डस्टबिन में डाल दिया l अधिकतर यही बात आप लोगों को भी देखने को मिलेगा शादी ब्याह में ll
खाने कि बर्बादी ना किया करे चाहे शादी ब्याह में हो खुद के घरो में हि क्यों ना ,,,बहुतो को एक वक़्त खाना भी नसीब नहीं होता है ll
गिलहरी!! 🐿