तूम मेरे सामने नहीं हो, मेरी रूह में तो तुम ही हो।
खुली आंखों से तुम्हें रूबरू ना देख पा रही हूं मैं ,
बंद आंखों में तो तुम ही हो ।
तेरे मुख से चाहे बातें ना सुन पा रही हूं मैं ,
मगर मेरी रूह से तो बातें करने वाले तुम ही हो।
क्या हुआ अगर तुम दूर हो,
फिर भी मेरी सांसों में तो तुम ही हो।
-navita👑