माता-पिता इंसान के जीवन में ऐसे व्यक्ति होते हैं, जिनके सामने वह अपना सुख और दुख बाँट सकता है, लेकिन उनके जाने के बाद वह किसी से कुछ नहीं कह पाता और अपने आंसू स्वयं ही पीता रहता है.. और इससे भी अधिक दोनों में से एक केवल पिता चला जाए या केवल मांँ ना रहें और माँ के जाने के बाद पिता और पिता के जानें के बाद माँ बिमार हो तब भी वह व्यक्ति उनके सामने अपनी खुशी तो व्यक्त कर सकता है लेकिन वह अपनी पीड़ा तो व्यक्त नही कर पाता है।
सुमन कुमावत
-Suman Kumavat