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“तेरी धड़कनों से ही मेरी पहचान है, तेरे बिना तो ये दिल बिलकुल सुनसान है। तू मिले तो हर दर्द भी आसान लगता है, तेरे बिना जीना अब नामुमकिन सा अरमान है।” “तेरी आँखों में एक जादू सा छुपा है, तेरी हर मुस्कान दिल को छू जाती है। तू पास हो तो दुनिया स्वर्ग जैसी लगती है, तू दूर हो तो ज़िन्दगी अधूरी लगती है।” दोस्तो अपना प्यार एक बार जरुर दे 🙏 👇👇 alfaz-e-arkan.blogspot.com
एक दिन सब कुछ बदल जाता है, वक्त के साथ किसी का किसी में मन लग जाता है, और किसी का किसी से मन भर जाता है।💔 दोस्तो ऐसे ही बहुत सारी शायरी पढ़े👇👇👇 https://alfaz-e-arkan.blogspot.com/2025/09/blog-post_87.html?m=1
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जब सोच में मोच आती है तब हर रिश्ते में खरोंच आती है...!!
चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुझे सारी उम्र... बस तू कभी जिसे भूल न पाए वो चाहत यक़ीनन हमारी होगी
“शैदा के अल्फ़ाज़ हैं, दिल की दुआओं जैसे, हर शेर में बसती है रूह की सदा जैसे।” ---
नई दुनिया मुजस्सम दिलकशी मालूम होती है मगर इस हुस्न में दिल की कमी मालूम होती है हिजाबों में नसीम-ए-ज़िंदगी मालूम होती है किसी दामन की हल्की थरथरी मालूम होती है मिरी रातों की ख़ुनकी है तिरे गेसू-ए-पुर-ख़म में ये बढ़ती छाँव भी कितनी घनी मालूम होती है वो अच्छा था जो बेड़ा मौज के रहम ओ करम पर था ख़िज़र आए तो कश्ती डूबती मालूम होती है ये दिल की तिश्नगी है या नज़र की प्यास है साक़ी हर इक बोतल जो ख़ाली है भरी मालूम होती है दम-ए-आख़िर मुदावा-ए-दिल-ए-बीमार क्या मअ'नी मुझे छोड़ो कि मुझ को नींद सी मालूम होती है नसीम-ए-ज़िंदगी के सोज़ से मुरझाई जाती है ये हस्ती फूल की इक पंखुड़ी मालूम होती है दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है चले आओ जहाँ तक रौशनी मालूम होती है जिधर देखा 'अरकान' इक आलम-ए-दीगर नज़र आया मुसीबत में ये दुनिया अजनबी मालूम होती है
*जेलर -* सुना है तुम *शायर* हो... कुछ *सुनाओ* फिर *कैदी -* ग़म-ए-उल्फ़त में जो *कट* रही ज़िंदगी *हमारी* , जिस दिन *ज़मानत* हुई ज़िंदगी *खत्म* तुम्हारी.. 😉😂🤣😅😁
कुर्बान कर दूं सारी जिंदगी , तेरी आंखों पर तू वादा तो कर मुझे उम्र भर, देखने का..!!! - Arkan
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