तुझे मैं हज़ार बार लिखूँ
तेरे प्यार की स्याही से , अपने प्यार की कलम से ,
तेरे जज़्बातों को , अपने अरमानों को ,
तेरी ख़्वाहिशों को , अपने अहसासों को ,
बार बार लिखूँ , तुझे मैं हज़ार बार लिखूँ ,,,,,,
तेरे प्यार की इबारत से , मेरे प्यार की वर्तनी से ,
तेरे समर्पण को , अपने अर्पण को ,
तेरी मोहब्बत के दर्पण से, अपने निखरे रूप को ,
बार बार लिखूँ, तुझे मैं हज़ार बार लिखूँ ,,,,,,
तेरे दिल की उलझन को , मेरे सुलझते इस मन को,
तेरी आत्मीयता को , मेरी पवित्रता को ,
तेरे रूप के भोलेपन को , अपने चहकते से सृंगार को ,
बार बार लिखूँ , तुझे मैं हज़ार बार लिखूँ ,,,,,