चाहत की आग में जल रहा हूँ,
दिल के हर रास्ते पर चल रहा हूँ।
तेरी यादों का दरिया पिघल रहा है,
खुद को तेरे ख्वाबों में बहा रहा हूँ।

मोहब्बत की राहों में गुम हो गया हूँ,
तेरे इश्क की तलाश में जल रहा हूँ।
दर्द भरी रातों में तेरा अरमान हूँ,
खुद को तेरे नाम पर जल रहा हूँ।

तेरी यादों के साये में बस रहा हूँ,
हर बात पे तेरा नाम ले रहा हूँ।
ज़िंदगी के सफ़र में तेरी चाहत है,
दूसरों के आगे मैं थम रहा हूँ।

तेरे इश्क में दीवाना हो गया हूँ,
हर बार तेरे प्यार में जल रहा हूँ।
तू मेरी राह में हसीं ख्वाब बनी,
खुद को तेरे ख्वाबों में बसा रहा हूँ।

तेरे ख्वाबों की मधुशाला पी रहा हूँ,
तेरी आँखों की मदहोशी में डूबा रहा हूँ।
मोहब्बत की मस्ती में रंग बदल गया हूँ,
तेरे इश्क के नशे में जल रहा हूँ।

चाहत की आग में जल रहा हूँ,
दिल के हर रास्ते पर चल रहा हूँ।
तेरे प्यार की आग में सिमट रहा हूँ,
हर रात दास तेरे ख्वाबों में जल रहा हूँ।

-बैरागी दिलीप दास

Hindi Shayri by बैरागी दिलीप दास : 111880403
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