तुम्हारी दोनों लबों के बीच की गुफ्तगू....
अब और कितनो को नतमस्तक बना जाएगी...
तुम्हारी आँखों की ये झुकती हुई पलकें...
अब और कितनों के स्मरण शक्ति को डुबो लेगी ....
तुम्हारी दोनो कानो को झूलती हुई ये झुमके....
अब और कितनो को मदहोश करेगी ....
तुम्हारी ख़ामोशी भरी लफ़्जों की ये शरारत....
अब और किसे वादी-ए-इश्क़ तक पंहुचा देगी....
# बता देना